• Sat. Jul 27th, 2024

इंसानियत की शुरुआत निरंकार को पाकर रूहानियत से- सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज*

ByIsrar

May 20, 2024

*इंसानियत की शुरुआत निरंकार को पाकर रूहानियत से- सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज*

इस चराचर जगत में भक्ति का महत्व अत्यधिक है जो भक्ति परमात्मा को जानकर की जाती है वही सार्थक होती है उक्त आशय के उदगार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने निरंकारी सत्संग भवन बाईपास के तत्वाधान में अपने भक्तों को अपने पावन दर्शन देते हुए कहे। उन्होंने भक्ति, सुकून, समर्पण, दया, करुणा के भाव को व्यक्त करते हुए अपने विचारों में फरमाया कि ब्रह्म ज्ञान प्राप्त करके ही इंसानियत और रूहानियत जैसे गुण इंसान के जीवन में उजागर होते हैं इंसानी जन्म अगर प्राप्त हुआ है तो जीवन में ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के बाद ही यह मानवीय गुण आते हैं जब यह अध्यात्मिकता जीवन में उतर जाती है कि संसार में कुछ भी सदा रहने वाला नहीं है अगर कुछ रहेगा तो केवल यह परमात्मा, यही शास्वत सत्य है। जिस प्रकार सूरज की रोशनी हर समय भरपूर होती है लेकिन धुंध होने के कारण आगे का रास्ता नजर नहीं आता। ठीक इसी प्रकार जीवन में अज्ञानता और अंधविश्वास आने पर परमात्मा पर विश्वास नहीं टिकता और मनों में नफरतें उत्पन्न हो जाती है इस समागम के मुख्य आकर्षण रहे गढ़वाली, पंजाबी, कुमाऊनी, अंग्रेजी और हिंदी भाषीय एवम अपनी अपनी वेश भूषा मे गीतों व आध्यात्मिक प्रवचनों के मध्यम से अपने सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त करके साध संगत को निहाल किया सेवादल के भाई बहनों ने समस्त सेवाएं पंडाल, ट्रैफिक, प्याऊ, लंगर को सुंदर रूप प्रदान किया । स्थानीय संयोजक ने इस निरंकारी संत समागम में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज व निरंकारी राजपिता जी का आगमन हेतु अभिवादन किया और साथ ही समस्त मानव परिवार का इतनी कड़कती गर्मी में भी मर्यादा और अनुशासन का सुंदर स्वरूप दर्शाने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया ।

By Israr

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *