संपादक- संजू पुरोहित
सपा नेता आजम खां के पुत्र मोह ने उनके परिवार को संकट में डाल दिया है। अपने रुतबे का इस्तेमाल कर उन्होंने बेटे (अब्दुल्ला) को विधायक तो बनवा दिया, लेकिन इस असर यह हुआ कि उनके सियासी सफर पर संकट के बादल मंडराने लगे। संकट इतना बढ़ गया कि अब्दुल्ला को को अपने माता-पिता के साथ जेल जाना पड़ा।
अपने पुत्र अब्दुल्ला को उन्होंने 2017 में विधायक तो बनवा दिया लेकिन उम्र के विवाद में हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी निरस्त कर दी। अब्दुल्ला 2022 में फिर से स्वार सीट से विधायक बन गए , लेकिन छजलैट प्रकरण के मुकदमे में मुरादाबाद की कोर्ट से दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी विधायकी चली गई।
आजम खां और अब्दुल्ला आजम तो पहले सजायाफ्ता थे, अब डॉ. तजीन फात्मा भी इस श्रेणी में शामिल हो गई हैं। दरअसल शैक्षिक प्रमाणपत्रों में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 01 जनवरी 1993 है। इसके हिसाब से वो 2017 का विधानसभा चुनाव के दौरान न्यूनतम आयु की सीमा को पूरा नहीं करते थे।
ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 बताकर चुनाव लड़ा। उनका एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ नगर निगम से जारी हुआ है दो दूसरा रामपुर नगरपालिका से। 2017 में जब अब्दुल्ला ने सपा की टिकट पर चुनाव जीता था तो उनके मुकाबले बसपा के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने उनके निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर की थी।