ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना ने बदली अमरजहां की ज़िंदगी, अब आत्मनिर्भर बनकर कर रहीं परिवार का पालन-पोषण

मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों के क्रम में जनपद हरिद्वार के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पूवर सपोर्ट, एंटरप्राइजेज (फॉर्म एवं नॉन फॉर्म), और सीबीओ लेवल के एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है. इसी क्रम में, हरिद्वार ज़िले के भगवानपुर विकासखंड स्थित चौली गाँव की अमरजहां, जो पहले एक सामान्य गृहणी थीं, अब ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गई हैं. इस परियोजना ने उन्हें न केवल आर्थिक संबल दिया है, बल्कि उनके परिवार को भी बेहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है.

अमरजहां पहले दूसरों की दुकानों पर सिलाई का काम करती थीं, लेकिन उनकी आय परिवार के लिए पर्याप्त नहीं थी. ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत उनका सर्वे किया गया और उन्हें अल्ट्रापुअर पैकेज के तहत सिलाई कार्य के लिए चुना गया. इस योजना के तहत, अमरजहां को परियोजना से ₹35,000 का ब्याज मुक्त ऋण के रूप में सहयोग प्राप्त हुआ, जबकि उनका स्वयं का अंशदान ₹5,000 था. इस धनराशि से उन्होंने तीन सिलाई मशीनें खरीदीं और अपना स्वयं का सिलाई का व्यवसाय शुरू किया.

आज, अमरजहां प्रतिमाह ₹6,000-₹7,000 की बचत कर रही हैं, जिससे वे अपने परिवार का सफलतापूर्वक पालन-पोषण कर पा रही हैं. उनकी यह सफलता ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के “अल्ट्रापुअर पैकेज” की देन है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यंत गरीब परिवारों को आजीविका के अवसर प्रदान कर उन्हें गरीबी से बाहर निकालना है.
अमरजहां रहीम समूह की सदस्य हैं, जिसका गठन 2 दिसंबर, 2018 को हुआ था.

यह समूह संघर्ष ग्राम संगठन और ज्योर्तिमय बहु-उद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता के तहत संचालित होता है, अमरजहां की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सही सहयोग और अवसर मिलने पर, ग्रामीण महिलाएं भी अपनी आजीविका में सुधार कर सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं.

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