कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में देश के पहले प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहरलाल नेहरू की 61वीं पुण्य तिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि ऐश्वर्य एवं वैभवपूर्ण जीवन शैली के साथ विदेशों में शिक्षा ग्रहण करने के बाद भी उन्होंने सभी सुविधाओं को त्याग कर असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया। 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के दौरान वे कांग्रेस अध्यक्ष बने।
कहा कि उनके प्रधानमंत्रित्व काल में जब देश के सामने गरीबी और राष्ट्रीय अखंडता को बचाए रखने की चुनौती थी तब भी उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों की स्थापना में अविस्मरणीय योगदान दिया। अपने प्रधानमंत्रित्व काल में उन्होंने विश्व पटल पर अपने राजनीतिक प्रभाव का लोहा मनवाते हुए उपनिवेशवाद की समाप्ति, कोरियाई युद्ध का अंत, स्वेज नहर विवाद, कांगो समझौता आदि अंतर्राष्ट्रीय मामलों में प्रभावशाली मध्यस्थता की भूमिका निभाई। कहा कि देश के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में जिलाध्यक्ष विनोद डबराल, बलबीर सिंह रावत, रंजना रावत, गोपाल सिंह, नरेंद्र नेगी, प्रदीप नेगी, योगेंद्र चौहान, राजा आर्य और उपेंद्र सिंह नेगी सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।
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